महिलाओं का संकल्प: अन्याय के खिलाफ खुला संघर्ष" सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि उन तमाम महिलाओं की आवाज़ है जो अब चुप नहीं बैठेंगी। यह कार्यक्रम महिलाओं के अधिकारों, सम्मान और न्याय की पुनर्स्थापना के लिए एक सशक्त कदम है। सरकार की झूठी घोषणाओं और वादाखिलाफ़ी के विरुद्ध यह मंच महिलाओं को संगठित कर रहा है ताकि वे अपने हक़ की लड़ाई मजबूती से लड़ सकें।
पालीगंज विधानसभा में आयोजित “महिला अदालत” में जुटी महिलाओं ने साफ संदेश दिया कि अब अन्याय के खिलाफ चुप्पी नहीं, खुला संघर्ष होगा। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (AIPWA) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कॉ. मीना तिवारी (राष्ट्रीय महासचिव, AIPWA) ने महिलाओं को संगठित होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
महिला अदालत में विभिन्न गांवों, कस्बों और मोहल्लों से आई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए — घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, बाल विवाह, न्याय में देरी और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता जैसे मुद्दे खुलकर सामने आए। इन वास्तविक कहानियों ने साबित किया कि जब तक महिलाएं संगठित नहीं होंगी, तब तक बदलाव संभव नहीं है।कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पीड़ितों की व्यथा सुनना नहीं था,