पालीगंज में आज एक ऐतिहासिक आंदोलन का गवाह बना, जब हज़ारों भूमिहीन और ग़रीबों ने विधायक डॉ. संदीप सौरभ के नेतृत्व में "हक़ दो, वादा निभाओ" आंदोलन के तहत ब्लॉक कार्यालय का घेराव किया। भाकपा माले के बैनर तले यह आंदोलन ग़रीबों के आवास अधिकार, सरकार द्वारा घोषित 2 लाख रुपये की मदद, और स्मार्ट मीटरों के खिलाफ ग़रीबों के संघर्ष को केंद्र में रखते हुए आयोजित किया गया।
ग़रीबों के हक़ की लड़ाई
इस जनांदोलन की मुख्य मांगों में ग़रीब भूमिहीन परिवारों को आवास मुहैया कराने और सरकार द्वारा घोषित 2 लाख रुपये की तत्काल सहायता शामिल है। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार ने ग़रीबों को आर्थिक मदद और वास-आवास का अधिकार देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इन वादों को पूरा नहीं किया गया है। लोगों का आरोप है कि वादे केवल कागज़ों पर रह गए हैं और ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
डॉ. संदीप सौरभ ने अपने संबोधन में कहा, "यह आंदोलन केवल हमारी मांगे रखने का नहीं, बल्कि ग़रीबों के सम्मान और उनके हक़ की लड़ाई है। सरकार ने ग़रीबों के आवास और आर्थिक सहायता के जो वादे किए थे, उन्हें अब तुरंत लागू करना चाहिए। हम इस लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे, जब तक सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती।"
स्मार्ट मीटरों का विरोध
आंदोलन का एक और महत्वपूर्ण मुद्दा स्मार्ट मीटरों का विरोध रहा, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने "फ्रॉड मीटर" कहकर आलोचना की। लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर गरीबों के लिए एक नई समस्या बन गए हैं, और बिजली बिलों में अनियमित वृद्धि ने उन्हें भारी आर्थिक बोझ तले दबा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार को तुरंत स्मार्ट मीटरों को हटाना चाहिए और पारंपरिक मीटरों की ओर वापस लौटना चाहिए।
"स्मार्ट मीटर गरीबों का खून चूस रहे हैं। ये मीटर धोखाधड़ी से भरे हुए हैं और गरीब जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। हम इनका विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये मीटर बिजली बिलों में बेतहाशा बढ़ोतरी का कारण बन रहे हैं," एक प्रदर्शनकारी ने गुस्से में कहा।
जनांदोलन का व्यापक समर्थन
पालीगंज के विभिन्न क्षेत्रों से आए हज़ारों ग़रीब और भूमिहीन परिवार इस आंदोलन में शामिल हुए। महिलाएं, बुज़ुर्ग, और युवा सभी ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की। आंदोलनकारियों ने साफ कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह आंदोलन और व्यापक और तेज़ हो जाएगा।
डॉ. संदीप सौरभ ने सभी साथियों और आंदोलनकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह सिर्फ मांगों का संघर्ष नहीं है, बल्कि ग़रीबों के अधिकारों और गरिमा की लड़ाई है। हम सब मिलकर इस संघर्ष को और तेज़ करेंगे और राज्य सरकार से वादों को पूरा करने की मांग करेंगे।"
सरकार को चेतावनी
आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द वास-आवास अधिकार और आर्थिक मदद के वादों को पूरा नहीं किया, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि ग़रीबों के हक़ के लिए यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
"हमारा संघर्ष सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य के ग़रीबों और भूमिहीनों के लिए है। अगर सरकार ने हमारे मुद्दों को हल नहीं किया, तो यह आंदोलन हर गाँव और हर जिले में फैल जाएगा," एक स्थानीय नेता ने कहा।
आंदोलन में दिखी एकजुटता
पालीगंज में हुए इस बड़े प्रदर्शन ने यह दिखाया कि ग़रीब जनता अब अपने अधिकारों के लिए एकजुट हो रही है। जनता के समर्थन और विश्वास ने इस आंदोलन को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया है, और यह पालीगंज में ग़रीबों के लिए एक बड़ा मोर्चा बनकर उभरा है।
डॉ. संदीप सौरभ और उनके नेतृत्व में भाकपा माले का यह आंदोलन आने वाले दिनों में और भी व्यापक रूप ले सकता है। अगर सरकार ने जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा नहीं किया, तो इस जनांदोलन का असर न केवल पालीगंज, बल्कि पूरे राज्य में देखने को मिल सकता है।